Mehgwal Youth Power

Mehgwal Youth Power
Jara Soch Ke to Dekho....

Thursday, January 20, 2011

A short story of .........................


बाबा साहेब अम्बेडकर जी जब विदेश में शिक्षा प्राप्त कर रहे थे तब उनकी धर्मं पत्नी माता रमा बाई अम्बेडकर ने उनको एक पत्र लिखा था जिसमे कहा गया था की है बाबा साहेब अम्बेडकर मै ये पत्र रोते हुए लिख रही हु की आपका बेटा और मै गंभीर रूप से बीमार है तथा में मजदूरी करने भी नहीं जा सकती क्योकि में बहुत बीमार हु इसलिए है बाबा साहेब तू वापस भारत लौट आओ क्योकि घर में खाने पिने का सामान भी नहीं है और दवाई लेन के लिए हमारे पास पैसे भी नहीं है ये पत्र जब रमा बाई लिख रही थी तो उनकी आँखों में से आंसू उस पत्र पर गिर रहे थे तब साथियों वो पत्र बाबा साहेब को विदेश में मिला तो उन्होंने उस पत्र को पढ़ा तो वो बिलकुल भी विचलित नहीं हुए और उन्होंने वापस जबाबी पत्र में लिखा था की है प्रिय रमा मै इस विदेश में इसलिए आया हु की मेरे समाज और इस देश के गरीब और दलित समाज के लोगो को मन और सम्मान दिलाने तथा हजारो सालो से चली आ रही देश में गुलामी को मिटानेके लिए यहाँ पर अध्धयन कर रहा हु
अगर बीमारी से तुम और मेरा बच्चा भी मर जायेंगे तो मुझे कोई गम नहीं होगा क्योकि अगर में घर आ गया तो इस देश के गरीब कभी आजाद नहीं हो सकते
साथियों जिन बाबा साहेब ने इन ८५ % बहुजन समाज के लिए इतनी बड़ी क़ुरबानी कर दी जिसकेकारन आज हम इस देश में मन और सम्मान से जीवन गुज़ार रहे है
बाबा साहेब ने इस देश के ८५ % गरीब और दलितों को लायक बना दिया मगर साथियों बड़े दुःख की बात है की  हम इतने नालायक पैदा हो गए जो किसी को भी लायक नहीं बना रहे है
साथियों हम लोग रंगीन टीवी रंगीन बीबी रंगीन दुनिया में मस्त हो गए और समाज के लिए कुछ भी नहीं कर रहे है


आप लोगो से निवेदन है की इस समाज के अन्दर सामाजिक क्रांति पैदा करो इन्कलाब पैदा करो तभी बाबा साहेब के सपनो को पूरा किया जा सकता है
    जो भरा नहीं है भावो से , बहती जिसमे रसधार नहीं !
      वो दलित नहीं मनुवादी है , जिनको जय भीम से प्यार नहीं !!
जय भीम जय कांशीराम नमोह बुद्धाय


1 comment:

  1. ऐसे दृढ़प्रतिज्ञ महापुरुष ही समाज को दिशा देते हैं. ऐसी प्रेरणादायक पोस्ट के लिए आभार.

    ReplyDelete