Mehgwal Youth Power

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Jara Soch Ke to Dekho....

Wednesday, February 16, 2011

A true poem on Dr.Bhivram...................

डरा दू दुनिया को अमेरिका का "साज़" बाकी है..
अभी दिखावे के लिए ब्रिटन का "ताज" बाकी है..
फनाह कर दू दुनिया को यह चीन का "अंदाज" बाकी है..
लेकिन सोच लो दुनियावालो..
जब तक है चाँद और सूरज..तब तक ..
मेरे "भीम" और "बुद्ध" का "राज" बाकी है..


हे राम...
तू भी ले आज मेरे भीम का नाम...
क्योकि तुझे भी तेरा हक दिलानेका किया है उसने काम...
कल वो भी आया था...
मगर तुने इन्साफ ना किया था...
बाहर पत्थरोसे लढ़ा वो...
और तू मंदिर में सोया था...
आज उसके इन्साफ की कलम ने तेरे अस्तित्व की ना होने दी श्याम...
हे राम तू भी ले आज मेरे भीम का नाम...

****************************

येशु के बायबल पर क्रिच्शन चलता है...
वेदों पुरानो पर ब्राह्मण चलता है...
गुरु ग्रन्थ साहिब पर सिख चलता है...
अल्लाह की कुरआन पर मुसलमान चलता है...
मगर मेरे भीम के संविधान पर सारा हिंदुस्तान चलता है.....!डरा दू दुनिया को अमेरिका का "साज़" बाकी है..
अभी दिखावे के लिए ब्रिटन का "ताज" बाकी है..
फनाह कर दू दुनिया को यह चीन का "अंदाज" बाकी है..
लेकिन सोच लो दुनियावालो..
जब तक है चाँद और सूरज..तब तक ..
मेरे "भीम" और "बुद्ध" का "राज" बाकी है..


हे राम...
तू भी ले आज मेरे भीम का नाम...
क्योकि तुझे भी तेरा हक दिलानेका किया है उसने काम...
कल वो भी आया था...
मगर तुने इन्साफ ना किया था...
बाहर पत्थरोसे लढ़ा वो...
और तू मंदिर में सोया था...
आज उसके इन्साफ की कलम ने तेरे अस्तित्व की ना होने दी श्याम...
हे राम तू भी ले आज मेरे भीम का नाम...

****************************

येशु के बायबल पर क्रिच्शन चलता है...
वेदों पुरानो पर ब्राह्मण चलता है...
गुरु ग्रन्थ साहिब पर सिख चलता है...
अल्लाह की कुरआन पर मुसलमान चलता है...
मगर मेरे भीम के संविधान पर सारा हिंदुस्तान चलता है.....!डरा दू दुनिया को अमेरिका का "साज़" बाकी है..
अभी दिखावे के लिए ब्रिटन का "ताज" बाकी है..
फनाह कर दू दुनिया को यह चीन का "अंदाज" बाकी है..
लेकिन सोच लो दुनियावालो..
जब तक है चाँद और सूरज..तब तक ..
मेरे "भीम" और "बुद्ध" का "राज" बाकी है..


हे राम...
तू भी ले आज मेरे भीम का नाम...
क्योकि तुझे भी तेरा हक दिलानेका किया है उसने काम...
कल वो भी आया था...
मगर तुने इन्साफ ना किया था...
बाहर पत्थरोसे लढ़ा वो...
और तू मंदिर में सोया था...
आज उसके इन्साफ की कलम ने तेरे अस्तित्व की ना होने दी श्याम...
हे राम तू भी ले आज मेरे भीम का नाम...

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येशु के बायबल पर क्रिच्शन चलता है...
वेदों पुरानो पर ब्राह्मण चलता है...
गुरु ग्रन्थ साहिब पर सिख चलता है...
अल्लाह की कुरआन पर मुसलमान चलता है...
मगर मेरे भीम के संविधान पर सारा हिंदुस्तान चलता है.....!डरा दू दुनिया को अमेरिका का "साज़" बाकी है..
अभी दिखावे के लिए ब्रिटन का "ताज" बाकी है..
फनाह कर दू दुनिया को यह चीन का "अंदाज" बाकी है..
लेकिन सोच लो दुनियावालो..
जब तक है चाँद और सूरज..तब तक ..
मेरे "भीम" और "बुद्ध" का "राज" बाकी है..


हे राम...
तू भी ले आज मेरे भीम का नाम...
क्योकि तुझे भी तेरा हक दिलानेका किया है उसने काम...
कल वो भी आया था...
मगर तुने इन्साफ ना किया था...
बाहर पत्थरोसे लढ़ा वो...
और तू मंदिर में सोया था...
आज उसके इन्साफ की कलम ने तेरे अस्तित्व की ना होने दी श्याम...
हे राम तू भी ले आज मेरे भीम का नाम...

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येशु के बायबल पर क्रिच्शन चलता है...
वेदों पुरानो पर ब्राह्मण चलता है...
गुरु ग्रन्थ साहिब पर सिख चलता है...
अल्लाह की कुरआन पर मुसलमान चलता है...
मगर मेरे भीम के संविधान पर सारा हिंदुस्तान चलता है.....!डरा दू दुनिया को अमेरिका का "साज़" बाकी है..
अभी दिखावे के लिए ब्रिटन का "ताज" बाकी है..
फनाह कर दू दुनिया को यह चीन का "अंदाज" बाकी है..
लेकिन सोच लो दुनियावालो..
जब तक है चाँद और सूरज..तब तक ..
मेरे "भीम" और "बुद्ध" का "राज" बाकी है..


हे राम...
तू भी ले आज मेरे भीम का नाम...
क्योकि तुझे भी तेरा हक दिलानेका किया है उसने काम...
कल वो भी आया था...
मगर तुने इन्साफ ना किया था...
बाहर पत्थरोसे लढ़ा वो...
और तू मंदिर में सोया था...
आज उसके इन्साफ की कलम ने तेरे अस्तित्व की ना होने दी श्याम...
हे राम तू भी ले आज मेरे भीम का नाम...

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येशु के बायबल पर क्रिच्शन चलता है...
वेदों पुरानो पर ब्राह्मण चलता है...
गुरु ग्रन्थ साहिब पर सिख चलता है...
अल्लाह की कुरआन पर मुसलमान चलता है...
मगर मेरे भीम के संविधान पर सारा हिंदुस्तान चलता है.....!डरा दू दुनिया को अमेरिका का "साज़" बाकी है..
अभी दिखावे के लिए ब्रिटन का "ताज" बाकी है..
फनाह कर दू दुनिया को यह चीन का "अंदाज" बाकी है..
लेकिन सोच लो दुनियावालो..
जब तक है चाँद और सूरज..तब तक ..
मेरे "भीम" और "बुद्ध" का "राज" बाकी है..


हे राम...
तू भी ले आज मेरे भीम का नाम...
क्योकि तुझे भी तेरा हक दिलानेका किया है उसने काम...
कल वो भी आया था...
मगर तुने इन्साफ ना किया था...
बाहर पत्थरोसे लढ़ा वो...
और तू मंदिर में सोया था...
आज उसके इन्साफ की कलम ने तेरे अस्तित्व की ना होने दी श्याम...
हे राम तू भी ले आज मेरे भीम का नाम...

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येशु के बायबल पर क्रिच्शन चलता है...
वेदों पुरानो पर ब्राह्मण चलता है...
गुरु ग्रन्थ साहिब पर सिख चलता है...
अल्लाह की कुरआन पर मुसलमान चलता है...
मगर मेरे भीम के संविधान पर सारा हिंदुस्तान चलता है.....!डरा दू दुनिया को अमेरिका का "साज़" बाकी है..
अभी दिखावे के लिए ब्रिटन का "ताज" बाकी है..

1 comment:

  1. बहुत अच्छा लिखा है परंतु इतनी बार रिपीट क्यों किया बंटी साहब.

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